1- जनस्वास्थ्य रक्षक योजना का शुभारंभ सन 1977 में लोकबंधु राजनारायण जी के द्वारा चालू एवं प्रस्तावित किया गया था।
2- जनस्वास्थ्य रक्षकों की संख्या सन् 1977 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को मिलाकर 91,111 थी। सन 2002 में उत्तराखंड राज्य अलग हो जाने के नाते उत्तर प्रदेश में जनस्वास्थ्य रक्षकों की संख्या 87,500 एवं सन् 2002 से अब तक आधे से ज्यादा जनस्वास्थ्य रक्षक साथी ईश्वर को प्यारे हो गये।
3- जनस्वास्थ रक्षक योजना के माध्यम से सभी जनस्वास्थ्य रक्षकों को 3 माह का प्रशिक्षण कराया गया एवं 50/- मासिक मानदेय भी जनस्वास्थ्य रक्षकों को दिया गया एक हजार की आबादी पर एक जनस्वास्थ रक्षक रखे गए थे।
4- जनस्वास्थ्य रक्षक के कार्यपाल इस प्रकार से थे जैसे - डायरिया व मलेरिया रोग नियंत्रण, परिवार नियोजन, टीका लगाना, चेचक स्वास्थ्य के लिए योग संचारी रोग, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक के विषय में प्रशिक्षण कराकर किट भी दिया गया था।
5- जनस्वास्थ रक्षक योजना सुचारू रूप से सन् 1977 से 2002 तक चला और 31-03-2002 में जनस्वास्थ रक्षक योजना बंद कर दिया गया। सन् 2002 से जनस्वास्थ्य रक्षक सरकार से जनस्वास्थ्य .... और पढ़े